Anju Dixit

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आओ रे कान्हा


शीर्षक,  आओ रे कान्हा

हर तरफ काली कलियुग की,
अंधियारी छाई है,
मची त्राहित्राहि सारी सृष्टि घबराई है।

लालच की बेड़ियों में जकड़े सबके तन मन,
अब न बचा कहीं कोई अपनापन,
प्रीत प्रीत करके शरमाई हैं।

छोटे छोटे कपड़ो का हुआ चलन,
ओछा मन और खुला तन,
हाव भाव देख तबियत  अच्छे अच्छों की ललचाई है।

घर घर में  घूमे  आज विषधर,
काले हुए मन भ्रमित हुए जीवन,
  हर एक दिशा मे अमावस्या  गहराई है।

आज के दिन तुम थे अवतारे,
आ जाओ फिर से भक्त पुकारे, तारन हारे,
  पल पल निहारूँ राह तुम्हारी देर क्यों  लगाई है।

सबके जीवन के कष्ट हर लो,
व्याकुल हर मन को तृप्त कर दो,
तोड़ो न आस  जो तुमसे लगाई  है।
💐💐🙏🙏💐💐🙏🙏💐💐🙏🙏🙏

अन्जू दीक्षित
उत्तर प्रदेश।

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5 Comments

Miss Lipsa

01-Sep-2021 09:26 PM

Wow

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बहुत ही बेहतरीन 👌👌

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Swati chourasia

30-Aug-2021 07:35 PM

Very beautiful 👌

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